देश में केजी से पीजी तक तालीम मुफ़्त होनी चाहिए

प्रो. शरद जावड़ेकर सभा को संबोधित करते हुए 

पुणे: देश में मुफ़्त और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार क़ानून लागू होने के बावजूद प्राथमिक शिक्षा को लेकर अनेक समस्याएँ हैं. इसी मुद्दे पर आज यहाँ देश की प्रतिष्ठित जन आन्दोलन मुव्ह्मेन्ट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर (एमपीजे)  के द्वारा एक वर्कशाप का आयोजन किया गया.  सभा को संबोधित करते हुए एमपीजे के प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद सिराज ने कहा कि, किसी भी समाज और देश के विकास में शिक्षा की अहम भूमिका होती है. जिहालत की वजह से ग़रीबी, बीमारी और अशांति जैसी विभिन्न समस्याओं का जन्म होता है. किसी भी समाज में शिक्षा के बिना सार्थक तबदीली की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. 


शिक्षा मानव जीवन का मूल आधार होता है. यही वजह है कि, शिक्षा हर व्यक्ति का मूल अधिकार माना जाता है. हमारे देश में भी अशिक्षा की वजह से बहुत सारी सामाजिक बीमारियों ने जन्म लिया है. लेकिन दुर्भाग्यवश हमारे देश में अभी तक शिक्षा को हर व्यक्ति का मूल अधिकार तस्लीम नहीं किया गया है. देश में वर्ष 2009 में मुफ़्त और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार क़ानून बना, जिसने शिक्षा को 6 से 14 साल के बच्चों का मौलिक अधिकार बनाया. लेकिन इस क़ानून ने प्राथमिक शिक्षा की क्वालिटी को बेहतर बनाने में अब तक कोई भूमिका नहीं निभाई है. देश में प्राथमिक शिक्षा का स्तर बहुत गिर गया है, जो बहुत ही चिंता जनक है.


आर टी ई कृति समिति के अध्यक्ष प्रो. शरद जावड़ेकर ने इस अवसर पर कहा कि, ब्रिटेन में वर्ष 1832 में ही शिक्षा को हर नागरिक का मूल अधिकार घोषित कर दिया गया. लेकिन हमारे देश में वर्ष 2009 में मूल अधिकार तस्लीम किया गया, वह भी सिर्फ़ 8 वीं क्लास तक. इसका मतलब ये है कि, सरकार आठवीं क्लास तक बच्चों को पढ़ा कर सिर्फ़ दीहारी मज़दूर बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा केजी से पीजी तक फ्री होनी चाहिए.

 

सभा को संबोधित करते हुए शिक्षाविद प्रो. काजिम मलिक ने देश में प्राथमिक शिक्षा के गिरते हुए स्तर और ख़राब क्वालिटी पर चिंता व्यक्त करते हुए, शिक्षा के अधिकार क़ानून में स्कूल प्रबंधन समिति की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने पालकों को स्कूल मैनेजमेंट कमिटी के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करते हुए स्कूल के प्रबंधन में जन भागीदारी को सुनिश्चित करने का आव्हान किया. इस वर्कशॉप में विभिन्न सामाजिक संगठनों, पालकों और शिक्षाविदों की बड़ी तादाद मौजूद थी.

 

 

 

No comments:

Post a Comment

© Copyright 2015. MPJ, Maharashtra. This Blog is Designed, Customised and Maintained by Zinfomedia, the media arm of Brightworks Enterprises: Theme by Way2themes