देश के कोने कोने में आसमान छूती गगनचुंबी इमारतें उन्नति, विकास और
ख़ुशहाली की कहानी बयान करती हैं. लेकिन इस उन्नति, विकास और ख़ुशहाली की कहानी के पीछे एक और दर्दनाक
कहानी छुपी है. दरअसल जो मज़दूर दिन-रात खून पसीना बहा कर इन इमारतों की तामीर करता
है, उसी मज़दूर
को सिर छुपाने की जगह नहीं होती है. अक्सर बांधकाम मज़दूर बेघर होते हैं.
उनके बच्चों
को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती और न ही उनकी पहुँच बेहतर आरोग्य सेवा तक होती है. एक मज़दूर
का बच्चा मज़दूर ही रह जाता है. हालंकि भवन निर्माण व अन्य बांधकाम मज़दूरों के कल्याण
के लिए देश में क़ानून है और महाराष्ट्र सरकार के पास बांधकाम मज़दूर कल्याण फण्ड में
अरबों रुपया मौजूद है.
मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर (एम पी जे) इन मज़दूरों
को न्याय दिलाने के लिए सतत प्रयत्नशील है और अब तक प्रदेश में हज़ारों मज़दूरों का मज़दूर
कल्याण बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवा कर उन्हें करोड़ों रूपए का लाभ दिलवा चुकी है. एमपीजे
की अमरावती ज़िला इकाई द्वारा बांधकाम मज़दूरों
के ख़ुद के घर निर्माण हेतु बांधकाम मज़दूर कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ के
सम्बन्ध में आज एक बांधकाम मज़दूर सभा का अचलपुर में आयोजन किया गया, जिसमें ज़िले
के बहुत सारे मज़दूर शामिल हो कर लाभान्वित हुए.
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