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मुव्हमेंट फ़ॉर पीस एंड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर के उपाध्यक्ष रमेश कदम ने
प्रदेश के किसान भाइयों से 22 दिसम्बर को धुळे में आयोजित होने वाले किसान मेळावा
में बड़ी तादाद में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि, देश के अन्न उत्पादक के लिए आज तक किसी भी
सरकार ने गंभीरतापूर्वक न तो कोई पालिसी बनाई और न ही किसानों को उसका जाएज़ हक़
देने के लिए कोई गंभीर प्रयास किये. सियासी पार्टियों को किसानों की याद तो सिर्फ
चुनाव के समय ही आती है. उनसे सिर्फ़ वायदे ही वायदे होते रहे और किसानों की दशा
दिनोंदिन ख़राब होती रही. किसान हताश हो कर ख़ुदकुशी करता रहा.
उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि, मैं सब से पहले किसान भाइयों से
विनम्र निवेदन करना चाहता हूँ कि, हालात से हार कर ज़िन्दगी ख़त्म कर लेना समस्या का हल नहीं
है. आप की ज़िन्दगी आप के परिवार और देश के लिए बहुत अहम है. आप ज़िन्दगी से हार कर
जान देने के बजाये अपने हक़ लेने के लिए संघर्ष कीजिये. अपने हक़ के लिए आप को खुद
लड़ना होगा. हम आप के साथ हैं. देश
की आम जनता आप के साथ है. हम आप की लड़ाई में शुरू से ही सहभागी रहे हैं.
रमेश कदम ने कहा कि, आप को बता दूं कि, मुव्मेंट फॉर पीस एंड जस्टिस फॉर वेलफेयर (एमपीजे) आप का हक़
दिलाने के लिए हमेशा ही अपनी आवाज़ें बुलंद करती रही है. हम आप के साथ खड़े हैं. एमपीजे ने 12
दिसम्बर से महाराष्ट्र में किसान अधिकार अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत 22
दिसम्बर को धुले में किसान मेळावा आयोजित किया जायेगा. जिसमें श्री विजय जवांधिया, श्री प्रकाश पोहरे और श्रीमती प्रतिभा शिंदे आदि शामिल
होंगे और आपकी समस्याओं पर चिंतन-मनन कर के एक निर्णायक लड़ाई की रूप रेखा
बनायेंगे. मैं किसान भाइयों से अपील करता हूँ कि इस मेळावा में ज़रूर भाग लें.
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