नागपुर:
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
की शुरुआत की है, जिसका मक़सद गर्भवती महिलाओं को उचित पोषण उपलब्ध कराना है. यूँ
तो प्रदेश में वर्ष 2014 से
ही अन्न सुरक्षा कानून लागू है. उक्त कानुन में भी गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण के
लिए 6000/- बतौर अनुदान देने का प्रावधान है. अब वही लाभ केन्द सरकार ने
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को देने की योजना शुरू की
है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में यह लाभ समस्त ज़रूरतमंदों को नहीं मिल रहा है. इस योजना
के लाभ से बड़ी तादाद में पात्र महिलाएं वंचित हैं, जिनमें नागपुर शहर की पात्र महिलाएं
भी शामिल हैं.
प्रदेश
में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत वंचितों को उसका हक़ दिलाने के लिए मुव्हमेन्ट
फ़ॉर पीस एन्ड जस्टिस फ़ॉर वेलफेयर ने एक राज्यव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस
राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत एमपीजे नागपुर की टीम ने नागपुर के जिलाधिकारी, जिला
स्वास्थ्य अधिकारी तथा नागपुर महानगर पालिका
के उच्च अधिकारीयों से मीटिंग्स कर के ज़िले में उक्त योजना के सफ़ल कार्यान्वयन
हेतु सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं. उपरोक्त अधिकारीयों से बैठक करने के
पश्चात् एमपीजे के शिष्टमंडल को पता चला कि, नागपुर ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में
इस योजना पर कार्य शुरू हो चुका है और इस योजना के कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी आशा वर्कर
को सौंपी गई है. किन्तु ज़िले के शहरी क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन निकायों द्वारा
डाटा संकलन करने का कार्य शुरू किया जा रहा है. यही वजह है कि अभी पात्र गर्भवती
महिलाओं को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह योजना नागपुर के शहरी इलाक़ों में कब
शुरू होगी, इसके बारे में जानकारी देने में सम्बंधित अधिकारियों ने असमर्थता जताई.
महाराष्ट्र
सरकार के उक्त उच्च अधिकारीयों से मिलने गए शिष्टमंडल में एमपीजे महाराष्ट्र महिला
विंग की सचिव डॉ. तस्नीम बानो,
नागपुर जिलाध्यक्ष शकील मोहम्मदी, मध्य
नागपुर (शहर) अध्यक्ष एहतशाम, नागपुर
ज़िला मीडिया सेक्रेटरी राजेश बांगर, श्रीमती
रिज़वाना, श्रीमती रूबीना शामिल थे.
एमपीजे
उक्त योजना को समुचित ढंग से कार्यान्वयनित करने हेतु जल्द ही एक राज्य व्यापी
आन्दोलन शुरू करेगी.
No comments:
Post a Comment