एम्
पी जे कार्यकर्ताओं द्वारा स्वास्थ्य अभियान के तहत किये गए सरकारी स्वास्थ्य
सेवाओं के सर्वे के नतीजे में यह बात सामने आई कि, स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की ग़र्ज़ से, वर्ष 2008 में ही हैदरबाग़ में एक नए सरकारी अस्पताल भवन का
निर्माण कर लिया गया था, किन्तु अब तक अस्पताल चालू नहीं हो सका! जनता की खून
पसीने की गाढ़ी कमाई से बने, हैदर बाग़
अस्पताल से आमजन को लाभ पहुंचना तो दूर, इस पर किसका क़ब्ज़ा है, इसी को लेकर भ्रम बना हुआ था! नगर निगम से लेकर राज्यसरकार
के आला अधिकारयों एवं मुख्य मंत्री तक को, एम् पी जे द्वारा दर्जनों ज्ञापन सौंपे गए, मगर कोई लाभ नहीं हुआ!
एम्
पी जे हैदरबाग़ अस्पताल के मुद्दे को स्थानीय लोगों के साथ-साथ राजनितिक हल्क़े में
भी ले जाती रही और सत्ताधारी राजनीतिज्ञों से लेकर विपक्ष तक के नेताओं को हैदरबाग़
अस्पताल शुरू करने की गुहार लगाती रही!
अंत
में एम् पी जे अदालत का दरवाज़ा खटखटाने को मजबूर हुई तथा माननीय बॉम्बे उच्च
न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने एम् पी जे की अस्पताल से सम्बन्धीत जनहित याचिका
को स्वीकार करते हुए, सम्बंधित
पक्षों को नोटिस जारी किया! अदालत में भी गुमराह करने वाली बातें कही गयी! अदालत के
रुख़, सामने नगर-निगम के चुनाव और जनता के आक्रोश ने इस अस्पताल के उदघाटन का मार्ग
प्रशस्त कर ही दिया और नगर-निगम द्वारा पुरे सरकारी जोश-खरोश के साथ 18 अगस्त 2017
को 30 बेडों की सुविधा के साथ इस अस्पताल का उदघाटन कर दिया गया!
एम्
पी जे अस्पताल शुरू करने के लिए सम्बंधित संगठन/विभाग का आभारी है, किन्तु एम् पी
जे की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है! एम् पी जे का लक्ष्य 100 बेड की सुविधा उपलब्ध करवाना है!
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