औरंगाबाद। देश की मशहूर जन आन्दोलन मोव्मेंट
फॉर पीस एंड जस्टिस फॉर वेलफेयर (एम पी जे) ने महाराष्ट्र के विभिन्न समाज के बीच भाईचारे
को बढ़ावा देने के लिए एक राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत की है। एम पी जे का यह
"बंधुता अभियान" स्वतंत्रता दिवस के दिन शुरू हुआ जो इस साल गांधी जयंती
आर्थात 2 अक्टूबर को
संपन्न होगा। इस अभियान के दौरान देश के संवैधानिक मूल्यों से राज्य के लोगों को अवगत
कराने की कोशिश की जाईगी।
इस अभियान का मूल उद्देश्य समाज में बंधुता
को बढ़ावा देना है। दूसरे शब्दों में,
इस अभियान का उद्देश्य भारत के संवैधानिक विचार को बढ़ावा देना है, जो अपने सभी नागरिकों
को व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली, बंधुता बढ़ाने के लिए
कार्य करने का अवसर प्रदान करता है।
"गौरतलब है कि देश में राष्ट्र वाद
को लेकर विभिन्न प्रकार के विचार पेश करके देश की भोली भाली जनता को गुमराह करने का
काम किया जा रहा है। जबकि देश में एक ही राष्ट्र वाद है, जिसे हम संवैधानिक राष्ट्र
वाद के नाम से जानते हैं। हमारे संविधान के प्रस्तावना में ही "हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण
प्रभुत्वसंपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए और उसके
सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता
के साथ भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए" दृढ़ संकल्प होकर काम करेंगे।
इस अभियान के लिए एम पी जे ने यहां
"देश की वर्तमान स्थिति और हमारी जिम्मेदारियां" शीर्षक के तहत एक जनसभा
के साथ-साथ अपने काडर
की संवैधानिक भाईचारे के विषय पर क्षमता निर्माण हेतु दो दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित
किया। जनसभा को संबोधित करते हुए एम् पी जे के प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद सिराज ने मौजूदा
सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम
देश में जन्म लगने वाली फासीवाद को रोकने के लिए एकजुट होकर लोहे दीवार बन कर खड़े
हो जाएं। इस अवसर पर, एडवोकेट सुभाष
सल्विन्गकर, कम्युनिस्ट
पार्टी के डॉ० भालचंद्र कांगो,
बालासाहब गरुड़ और मोहम्मद ओवैस अहमद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए देश में बंधुता, शांति एवं सौहाद्र के लिए काम करना समय की आवश्यकता बताया।
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